ओजोन परत को मजबूत करने में विश्व स्तर पर एक मत का होना जरूरी: जितेंद्र कुमार नेगी

ओजोन परत को मजबूत करने में विश्व स्तर पर एक मत का होना जरूरी: जितेंद्र कुमार नेगी

पैठाणी(पौड़ी)। राठ महाविद्यालय, पैठानी,कला संकाय विभागीय परिषद के तत्वाधान में ओजोन दिवस के अवसर पर छात्रों के साथ परिचर्चा के साथ व्याख्यान का आयोजन हुआ। अपने सम्बोधन में डॉ जितेंद्र नेगी ने कहा कि वर्तमान वर्ष की थीम के तहत मॉन्ट्रियल प्रोटोकॉल के अनुसार हमे ओजोन परत को सुदृढ़ एवम जलवायु परिवर्तन को कम करना है, लेकिन उसका पालन पूर्ण रूप से नही हो रहा है।
विकसित देश एजेंडे के तहत क्लोरो फ्लोरो कार्बन के अधिक उत्सर्जन के लिए विकासशील देशों को जिम्मेदार बता रहे हैं। इसी के तहत अब वो मीथेन गैस को ज्यादा हानिकारक बता रहे हैं।

डॉ नेगी ने बताया ऐसी स्थिति में ओजोन परत लगातार कमजोर होती जा रही है, और आने वाले समय में मानव में त्वचा रोग , वनस्पति में जहरीले तत्वों के प्रवेश और सी फूड में इसका बहुत अधिक प्रभाव देखने को मिलेगा।
उन्होंने बताया की क्लोरिन, फ्लोरिन, कार्बन, एयर कंडीशनर, फॉग बनाने वाली चीजे,अगिशमन यंत्र, हेयर डाई, कृत्रिम क्लीनर, वाहनों से निकलने वाली गैस, वन की आग, घर में उपयोग होने वाले फ्रिज, आदि कृषि के यंत्र और विश्व में चल रहे युद्ध, खतरनाक हथियारों का निर्माण आदि का बढ़ता प्रयोग इसके लिए जिम्मेदार है।
उन्होंने आशंका व्यक्त की यदि ऐसे ही प्रदूषित गैसों को वायु मंडल में भेजना जारी रहा तो पृथ्वी पर जीवन का संकट निकट है।

इस अवसर पर डॉ लक्ष्मी नौटियाल, डॉ राजीव दुबे, डॉ अखिलेश, डॉ देव कृष्ण थपलियाल आदि मौजूद थे।

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