परमहंस गुदड़ी बाबा का जीवन और संदेश हमारे समय के लिए रोशनी है: केदारखंडी

बदलता गढ़वाल न्यूज,
ज्योतिर्मठ/चमोली।

बद्रिकाश्रम क्षेत्र में अपनी साधना और तपस्या से हज़ारों लोगों का जीवन बदलने वाले महान संत और अपरिग्रही फ़क़ीर गुदड़ी बाबा के जीवन और संदेश पर राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय ज्योतिर्मठ के अँग्रेजी विभाग में असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. चरणसिंह केदारखंडी ने एक उपयोगी पुस्तक लिखी है। आज भंग्यूल तपोवन की पावन भूमि पर ‘परमहंस गुदड़ी बाबा : हिमालय के एक त्रिकालदर्शी फ़क़ीर की कथा’ नामक इस पुस्तक का विमोचन बाबा की स्मृति में बने समाधि मंदिर में क्षेत्र के गणमान्य व्यक्तियों की उपस्थिति में इस महत्वपूर्ण पुस्तक का विमोचन समारोह आयोजित हुआ। बाबा के जीवन और संदेश पर यह पहली पुस्तक है ।

गुदड़ी बाबा भागवत साक्षात्कार प्राप्त हिमालय के एक अनूठे सिद्ध संत थे जिनका संबंध संतों के दशनामी अखाड़ों में प्रसिद्ध उदासीन सम्प्रदाय से था। पटियाला बाबा की जन्मभूमि रही है लेकिन उन्होंने परिव्राजक संत के रूप में भारत भ्रमण करते हुए अपने जीवन का सबसे ज्यादा समय बद्रिकाश्रम हिमालय में बिताया है और इस पूरे क्षेत्र में एक त्रिकालदर्शी सिद्ध संत के रूप में बाबा की बड़ी मान्यता है।
डॉ. केदारखंडी श्रीअरविन्द और श्रीमाँ की कृपा के पात्र हैं और उन्हीं की कृपा से एवं भगवान बद्रीविशाल के आशीर्वाद से उन्होंने दो वर्षों में बाबा की बेबूझ जीवन लीला और उनके विचार दर्शन पर यह पुस्तक तैयार की है। इस पुस्तक में छः अध्याय हैं जिनमें एक अध्याय बाबा का प्रत्यक्ष सानिध्य और आशीर्वाद पाने वाले दयाल सिंह भगत जी सहित उन गणमान्य व्यक्तियों का है जिन्होंने बाबा के साथ अपनी जीवन यात्रा का स्मरण किया है । हिंदी और अंग्रेजी में अब तक केदारखंडी की चार पुस्तकें प्रकाशित हो चुकीं हैं और दो पुस्तकें शीघ्र प्रकाशित होने वालीं हैं।


बाबा के सबसे करीबी भक्त और 17 साल तक उनके साथ रहकर साधना करने वाले मेरग गाँव निवासी 98 वर्षीय साधक श्री दयाल सिंह भगत ने पुस्तक का विमोचन किया । सिद्धहस्त कवि , यायावर और संस्कृत विद्यालय जोशीमठ के प्रधानाचार्य और श्रीअरविन्द परिवार जोशीमठ के अध्यक्ष श्री अरविंद पंत और मशहूर साहित्यकार श्री भगत सिंह राणा हिमाद ने परमहंस गुदड़ी बाबा पुस्तक की मार्मिक समीक्षा की। अरविंद पंत ने पुस्तक को आध्यात्मिक साहित्य की दिशा में मील का पत्थर बताते हुए कहा कि केदारखंडी के गद्य में भी पद्य जैसा सरस, सरल आनंद है और इसी खूबी के कारण पुस्तक भविष्य में आमजन और शोधार्थियों के बीच बराबर लोकप्रिय होगी। पूरी पुस्तक एक आनंद सरोवर में विचरण करने जैसा अनुभव है। छंद के महत्वपूर्ण हस्ताक्षर कवि हिमाद ने कहा कि इस पुस्तक के साथ गुदड़ी बाबा के जीवन और संदेश पर एक बहुप्रतीक्षित संकल्प पूरा हुआ है।

तपोवन के गणमान्य नागरिक संदीप नौटियाल, वयोवृद्ध बाबा भक्त श्री गोविंद सिंह कैरणी , कलम सिंह , राजेन्द्र सिंह, गब्बर सिंह, कैलाश नौटियाल, कैलाश भट्ट, संगीतकार रवि थपलियाल, गीतकार और शिक्षक देवी प्रसाद भट्ट, कवयित्री विनीता भट्ट, विजया ध्यानी, शिवांगी, दिनेश नम्बूरी , अनुज नम्बूरी आदि ने इस पुस्तक के प्रकाशन पर हर्ष प्रकट किया ।

स्वामी समृद्ध पूरी और ग्राम प्रधान भंग्यूल श्रीमती रोशनी देवी ने कहा कि अब गाँव और क्षेत्र की जनता को बाबा के जीवन और उपदेश की प्रामाणिक जानकारी प्राप्त हो सकेगी ।
इस अवसर पर श्रीअरविन्द अध्ययन केंद्र ज्योतिर्मठ के सचिव और लोकप्रिय समाजसेवी श्री ओमप्रकाश डोभाल और संदीप नौटियाल ने भंडारे का आयोजन भी किया और भंग्यूल गाँव की मातृ शक्ति और युवा शक्ति ने भजन प्रस्तुत किए । कवयित्री विनीता भट्ट सिलोड़ी ने मंत्रमुग्ध करने वाली सरस्वती वंदना प्रस्तुत की । कार्यक्रम का संचालन ओमप्रकाश डोभाल और कवि हिमाद ने संयुक्त रूप से किया । वरिष्ठ साधक श्री महावीर प्रसाद सिंह फर्स्वाण श्रद्धालु ने अतिथियों का आभार प्रकट किया ।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

You may have missed