ऋषिकेश: श्रीदेव सुमन उत्तराखण्ड विश्वविद्यालय के गणित विभाग द्वारा आयोजित तीन दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय कांफ्रेंस का हुआ समापन।

श्रीदेव सुमन उत्तराखण्ड विश्वविद्यालय, पण्डित ललित मोहन शर्मा परिसर ऋषिकेश के गणित विभाग द्वारा आयोजित तीन दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय कांफ्रेंस का हुआ समापन।

ऋषिकेश।
श्रीदेव सुमन उत्तराखण्ड विश्वविद्यालय, पण्डित ललित मोहन शर्मा परिसर ऋषिकेश के गणित विभाग द्वारा आयोजित नॉन लीनियर एनालिसिस एन्ड ऍप्लिकेशन्स विषयक तीन दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय कांफ्रेंस का आज समापन हो गया। गणित विभाग द्वारा दिनाँक 10 से 12 मई तक महान गणितज्ञ स्वर्गीय प्रो एस एल सिंह की याद में अंतर्राष्ट्रीय कांफ्रेंस आयोजित की गयी। जिसमें जापान, अमेरिका, नेपाल, दक्षिण अफ्रीका, सऊदी अरब सहित विभिन्न देशों एवं भारत के विभिन्न राज्यों प्रतिष्ठित उच्च शिक्षा संस्थानों एवं विश्वविद्यालयों के 35 आमंत्रित वक्ताओं ने व्याख्यान एवं 125 से अधिक प्राध्यापकों एवं शोधार्थियों ने शोध पत्र प्रस्तुत किये। कांफ्रेंस में प्राचीन भारतीय गणित विषय पर सिम्पोजियम भी आयोजित की गयी। इस बौद्धिक रूप से प्रेरक कार्यक्रम के दौरान गणित पर गहन अंतर्दृष्टि साझा की गई।

समापन सत्र में उपस्थित वक्ताओं एवं प्रतिभागियों ने आयोजकों को सफल कांफ्रेंस आयोजन हेतु बधाई दी तथा तीन दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय संगोष्ठी के अपने अनुभव साझा किये| तोहो यूनिवर्सिटी जापान से आये प्रो यशुनोरी किमुरा ने कहा कि इस अंतर्राष्ट्रीय कांफ्रेंस ने गणित के इस विशेष क्षेत्र में नए और महत्वपूर्ण अनुसंधानों के लिए एक मंच प्रदान किया है| उन्होंने कहा कि इस कांफ्रेंस में विशेषज्ञों और अनुभवी शोधार्थियों से मिलने का और उनके साथ विचार-विमर्श करने का अवसर मिला है। आई आई टी चेन्नई के प्रो वीरमणि ने आयोजकों द्वारा किये गए प्रयासों की सराहना करते हुए कहा कि इस कांफ्रेंस के माध्यम से सभी को एक-दूसरे से नए और महत्वपूर्ण ज्ञान का आदान-प्रदान करने का अवसर मिला और सभी ने नॉन लीनियर एनालिसिस के क्षेत्र में नवीनतम शोध की की जानकारी प्राप्त की। गढ़वाल विश्वविद्यालय पौढ़ी परिसर से आये प्रो यू सी गैरोला ने स्वर्गीय प्रो एस एल सिंह को याद करते हुए कहा कि स्वर्गीय प्रो सिंह विलक्षण प्रतिभा के धनी थे जिन्होंने गणित के विभिन्न क्षेत्रों में सराहनीय शोध कार्यों को करके सभी को प्रेरणा दी है। नेपाल से प्रोफेसर कन्हैया झा भी अपने समय के सऊदी अरब से प्रोफेसर मोहम्मद साजिद, प्रोफेसर आर.पी. अग्रवाल और प्रोफेसर गोकर्ण आर्याल संयुक्त राज्य अमेरिका से ऑनलाइन जुड़े।
कांफ्रेंस की संयोजक, गणित विभागाध्यक्ष प्रो अनीता तोमर ने सभी का स्वागत करते हुए तीन दिवसीय कांफ्रेंस में आयोजित विभिन्न सत्रों की जानकारी देते हुए कहा कि कांफ्रेंस में नॉन लीनियर एनालिसिस एवं उसके विभिन्न पहलुओं एवं अनुप्रयोगों के विषय में विस्तार से चर्चा हुई। भारतीय गणितज्ञों पर आधारित सिम्पोजियम में गणित के क्षेत्र में भारतीय ज्ञान परंपरा के विभिन्न आयामों को शोधार्थियों ने विस्तार से जाना।

प्रोफेसर अनिता तोमर ने कहा कि अंतर्राष्ट्रीय महिला गणित दिवस के अवसर पर, हम महिला गणितज्ञों के योगदान को सम्मानित करते हैं, जो गणित के क्षेत्र में अपने प्रतिभा और साहस से अग्रणी हैं। इस दिवस के माध्यम से, हम महिलाओं को गणित में उत्कृष्टता की दिशा में प्रेरित करने का संकल्प लेते हैं। आज का दिन एक ऐतिहासिक पल है। यहाँ हमने गहराई से गणित के अध्ययन का महत्व और उसके अनुप्रयोगों पर चर्चा की है। विशेषज्ञों और प्रतिभागियों ने अपने ज्ञान को साझा किया और गणित को नए दिशाओं में ले जाने का मौका दिया। मैं सम्मानीय दिवंगत प्रोफेसर एस.एल. सिंह के नाम पर यह सम्मेलन संचालित करने का सौभाग्य अनुभव कर रही हूँ। यह सम्मेलन और संगोष्ठी विद्वानों के आदान-प्रदान को बढ़ावा देने और गणित और इसके विविध अनुप्रयोगों में ज्ञान को आगे बढ़ाने की हमारी प्रतिबद्धता का प्रमाण के रूप है। हम उन सभी प्रतिभागियों, मुख्य वक्ताओं, प्रस्तुतकर्ताओं और उपस्थित लोगों के प्रति हार्दिक आभार व्यक्त करते हैं जिन्होंने ICNAA 2024 और प्राचीन भारतीय गणित पर संगोष्ठी की सफलता में योगदान दिया। आपके विद्वतापूर्ण योगदान और आकर्षक चर्चाओं ने निस्संदेह गैर-रेखीय विश्लेषण, अनुप्रयोगों और प्राचीन भारतीय गणित की गहन विरासत के बारे में हमारी समझ को समृद्ध किया है। हम अपने प्रायोजकों, टीएचडीसी इंडिया लिमिटेड के प्रति हार्दिक आभार व्यक्त करते हैं, जिनके उदार समर्थन से यह आयोजन संभव हो सका। शैक्षणिक उत्कृष्टता और सामुदायिक सहभागिता के प्रति आपकी प्रतिबद्धता वास्तव में सराहनीय है।

कांफ्रेंस के आयोजक सचिव डॉ गौरव वार्ष्णेय ने समापन सत्र में सभी आमंत्रित वक्ताओं, प्रतिभागियों, शोधार्थियों तथा अन्य सभी के द्वारा संगोष्ठी के सफल आयोजन हेतु दिए सहयोग के लिए आभार व्यक्त किया जिन्होंने ICNAA 2024 और प्राचीन भारतीय गणित पर संगोष्ठी की सफलता में योगदान दिया।

श्रीदेव सुमन उत्तराखण्ड विश्वविद्यालय के वाईस-चांसलर, माननीय प्रोफेसर एन.के. जोशी ने बताया कि मुझे गर्व है कि इस सम्मेलन के माध्यम से हमने गहराई से गणित के अध्ययन और उसके अनुप्रयोगों पर चर्चा की है। आशा है कि हम आगे भी इसी तरह से मिलकर अपने गणित के क्षेत्र अग्रसर में होते रहेंगे। यह सम्मेलन हमें नए दृष्टिकोण और ज्ञान की दिशा में आगे बढ़ने में मदद करेगा।

प्रोफेसर एम.एस. रावत, कैंपस निदेशक ने बताया कि इस सम्मेलन के सफल समापन पर हम सभी बहुत खुश हैं। यहाँ आने वाले सभी लोगों का योगदान महत्वपूर्ण रहा है। प्रोफेसर जी.के. धिंगरा, विज्ञान के संकाय अध्यक्ष ने बताया कि हमने इस सम्मेलन में गहराई से गणित के अध्ययन और उसके अनुप्रयोगों पर चर्चा की है।

इस अवसर पर विपुल कुमार एवं शिवानी को सर्वश्रेष्ठ शोधपत्र प्रस्तुतीकरण पुरुष्कार दिया गया| समापन सत्र में वाणिज्य संकायाध्यक्ष प्रो कंचनलता सिन्हा, प्रोफेसर एस.एल. सिंह की बेटी, प्रोफेसर ममता शर्मा, नेपाल से प्रोफेसर कन्हैया झा, आयोजक सचिव प्रो दीपा शर्मा, सह आयोजक सचिव डॉ शिवांगी उपाध्याय सहित आमंत्रित वक्ता, प्रतिभागी, शोधार्थी तथा परिसर के प्राध्यापक उपस्थित रहे|

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