पैठाणी। समानता, बंधुत्व और मानवीयता बनाये रखना ही मानव अधिकार है।

*समानता, बंधुत्व और मानवीयता बनाये रखना ही मानव अधिकार है*

*मानव अधिकार दिवस की पूर्व संध्या पर राष्ट्रीय सेवा योजना इकाई राठ महाविद्यालय पैठाणी पौड़ी गढ़वाल द्वारा आयोजित की गई एक विचार गोष्ठी।*

*पैठाणी*।
राष्ट्रीय सेवा योजना ईकाई राठ महाविद्यालय पैठाणी पौड़ी द्वारा विश्व मानवाधिकार दिवस के अवसर पर एक विचार गोष्ठी का आयोजन किया गया। जिसमे वक्ताओं ने प्रेम, सहयोग, समता और भाईचारे को मह्त्व देते हुए कहा कि मानवीय मूल्यों का संरक्षण करना ही मानवाधिकार है। महाविद्यालयों की राष्ट्रीय सेवा योजना (रा0से0यों0) आज प्रात:10:00 बजे सभी स्वयंसेवी छात्र/छात्राएं सभागार में एकत्र हुए, जहाँ पहले लक्ष्य गीत गाकर गोष्ठी की शुरूवात की गई। प्राचार्य डॉ0 जितेन्द्र कुमार नेगी ने दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम की शुरुआत की, इसके बाद कार्यक्रम अधिकारी व राजनीति विज्ञान के प्रोफेसर डॉ0 देव कृष्ण थपलियाल ने कहा कि द्वितीय विश्व युद्ध के बाद लगातार यह महसूस किया जाना लगा था, युद्धों और दुसरी विभीषिकाओ में बड़ी संख्या मे निर्दोषों लोगों की जान ली जाती है, जो कि मानवता के साथ खिलवाड़ है, इसी कारण 10 दिसंबर 1948 को मानव अधिकार का चार्टर स्वीकार कर लिया गया, तब से हर साल मानवाधिकार दिवस मनाए जाने की परंपरा विकसित हु। यह दिवस हमे मानव अधिकारों के प्रति सचेत करने-कराने के लिए प्रेरित कराता है।

कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुये महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ0 जितेन्द्र कुमार नेगी ने कहा कि मानव मूल्यों का संरक्षण ही मानव का सच्चा अधिकार है, बिना भेदभाव हर मनुष्य की गरिमा का सम्मान करना ही उसकी सुरक्षा की गारंटी है। गोष्ठी को स्वयंसेवी छात्र/छात्राओं के अलावा प्राध्यापक डॉ0(श्रीमती) लक्ष्मी नौटियाल, डॉ0 राजीव दुबे, डॉ0 वीरेंद्र चंद, डॉ0 श्याम मोहन सिंह, डॉ0 अखिलेश कुमार सिंह ने भी संबोधित किया।
गोष्ठी के अंत मे सभी स्वयं सेवकों-सेविकाओं ने मानवाधिकारों के प्रति संवेदनशील होने की शपथ ली।

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