बहरूपिया रूप रख रावण ने किया मां सीता का हरण, सुपर्णाखा की नाक कटी, खर-दूषण वध और सीता हरण का किया गया मंचन

बदलता गढ़वाल न्यूज,
ज्योतिर्मठ।

ज्योर्तिमठ रविग्राम की रामलीला मंचन 2024 के दौरान सुर्पनखा नृत्य और नककटाई, खर- दूषण वध, सीता हरण की लीला देखकर दर्शकगण मंत्र मुग्ध हो गए। रामलीला मंचन की शुरुआत अत्री मुनि आश्रम में राम लक्ष्मण सीता के प्रवेश से हुई। इसके पश्चात् जंगल में विचरण करती हुई शूर्पणखा पंचवटी पहुंचती है। सुन्दर श्री राम – लक्ष्मण को देखकर विवाह करने का प्रस्ताव रखती है, जिस शादी करने से दोनों भाई मना कर देते हैं। इससे नाराज होकर शूर्पणखा सीता माता को मारने के लिए हमला कर देती है। इस पर सुमित्रा नंदन लक्ष्मण खड्ग से उसका नाक कान काट देते हैं। इससे क्रोधित होकर शूर्पणखा वहां से भाग जाती है और भाई खर एवं दूषण को पूरा वृत्तांत बताकर प्रतिशोध लेने के लिए कहती है। खर और दूषण श्रीराम से बदला लेने के लिए आक्रमण कर देते हैं। श्रीराम-लखन अपने बाणों से खर और दूषण का वध कर देते हैं। यह देखकर शूर्पणखा लंकापति भाई रावण के पास जाती है और राम लखन से प्रतिशोध लेने की कहती है। शूर्पणखा रावण के सामने सीता के सौंदर्य का बखान करके उन्हें लंका की महारानी बनाने की बात रावण से कहती है। रावण समझ जाता है कि भगवान विष्णु ने राम रूप में धरती पर अवतार ले लिया है और अपने संपूर्ण राक्षस कुल का उद्धार भगवान के हाथों हो इसके लिए रावण सीता हरण की योजना बनाता है। रावण अपने मामा मारीच को सोने का हिरण बनाकर पंचवटी के जंगल में भेजते हैं। सोने का हिरण देखकर पाने की जिद करतीं है। सीता माता के जिद आगे श्री राम विवश होकर हिरण को पकड़ने के लिए दूर चले जाते हैं। रावण का मामा मारीच वहां पर छल करते हुए रुदन की आवाज में सीते सीते लक्ष्मण लक्ष्मण पुकारने लगता है, रुदन आवाज सुनकर व्याकुल मां सीता लक्ष्मण को जिद्द कर राम की सहायता के लिए भेजती है। लक्ष्मण जाते हुए कुटी के चारों और सुरक्षा रेखा अथार्थ लक्ष्मण रेखा बना देते हैं। रावण साधु के वेष में माता सीता से भिक्षा लेने पहुंचता है। सीता माता सुरक्षा रेखा से निकलकर भिक्षा देतीं हैं तो रावण उनका हरण कर लेता है। सीता की रोने की आवाज सुन जटायु राज रावण को रोकने का प्रयास करते हैं रावण क्रोधित होकर अपनी धारदार तलवार से पंख काट पुष्पक विमान से लंका की ओर बढ़ते हैं। रामलीला कमेटी के अध्यक्ष हनुमान प्रसाद ने बताया कि रविवार के दिन भगवान श्री राम जी का राजतिलक किया जाएगा, तैयारियां पूरी कर ली गई है।

इस वर्ष की रामलीला श्री विजय प्रसाद सकलानी जी और श्री कैलाश भट्ट जी के निर्देशन में हारमोनियम के मधुर स्वर लहरी और श्री भास्कर डिमरी और प्रवीण डिमरी के तबले की थाप के साथ संपन्न की जा रही है। पात्र साज सज्जा और ग्रीन रूम की जिम्मेदारी श्री मुरली सिंह राणा जी, गौरव बहुगुणा जी और भास्कर डिमरी जी निभा रहे हैं।

आज के मंचन मुख्य पात्र के रुप में श्रीराम चंद्र जी शिवम् भट्ट, लक्ष्मण जी सुभम रावत, सीता जी शौर्य डिमरी, रावण हेमंत पांडे, सुर्पनखा किशन लखेड़ा, अनुसुया अभिनव डिमरी, खर दूषण अनिल डिमरी और समीर डिमरी, मारीच चंद्रमोहन सिंह राणा, साधु रावण श्री हर्षवर्धन भट्ट, जटायु विपुल नंबूरी रहे ।

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