जनपद चमोली की महिला पुलिसकर्मियों को कार्यशाला आयोजित कर कार्यस्थल पर महिलाओं के यौन उत्पीड़न अधिनियम 2013 का पाठ पढाया गया।


गोपेश्वर (चमोली)।
आज दिनांक 25/01/2023 को पुलिस अधीक्षक चमोली श्री प्रमेन्द्र डोबाल महोदय के निर्देशन में चमोली पुलिस द्वारा कार्यस्थल पर महिलाओं के यौन उत्पीड़न (रोकथाम, निषेध तथा निवारण) विषय पर पुलिस कार्यालय गोपेश्वर में प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किया गया। कार्यक्रम में हिमाद समिति, चाइल्ड हेल्पलाइन व रुद्रा रिसर्च डेवलेपमेन्ट फाउंडेशन ने कार्यस्थल में महिलाओं के यौन उत्पीड़न अधिनियम 2013 के बारे में विस्तृत जानकारी दी। अधिवक्ता श्रीमती गीता विष्ट ने अवगत कराया कि यह क़ानून कार्यस्थल पर महिलाओं के यौन उत्पीड़न को अवैध करार देता है ,यह क़ानून यौन उत्पीड़न के विभिन्न प्रकारों को चिह्नित करता है और यह बताता है कि कार्यस्थल पर यौन उत्पीड़न की स्थिति में शिकायत किस प्रकार की जा सकती है, यौन उत्पीड़न क्या है, शिकायत किसे कर सकते हैं,आदि के बारे में विस्तृत जानकारी दी और प्रतिभागियों के मन में उठे सवालों और जिज्ञासाओं को दूर किया। हिमाद समिति /चाइल्ड हेल्पलाइन की सदस्य श्रीमती प्रभा रावत ने बताया कि यह क़ानून हर उस महिला के लिए बना है जिसका किसी भी कार्यस्थल पर यौन उत्पीड़न हुआ हो। इस क़ानून में यह ज़रूरी नहीं है कि जिस कार्यस्थल पर महिला का उत्पीड़न हुआ है, वह वहां नौकरी करती हो। कार्यस्थल कोई भी कार्यालय/दफ्तर आदि हो सकता है, चाहे वह निजी संस्थान हो या सरकारी। हर वह स्थान कार्यस्थल होता है जहां महिला के साथ उत्पीड़न हुआ हो। उन्होंने बताया कि यह अधिनियम 2013 में प्रभाव में आया था। जैसा कि इसका नाम ही इसके उद्देश्य रोकथाम, निषेध और निवारण को स्पष्ट करता है और उल्लंघन के मामले में पीड़ित को निवारण प्रदान करने के लिये भी ये कार्य करता है। यौन उत्पीड़न की प्रकृति केवल शारीरिक उत्पीड़न ही नहीं बल्कि महिला को उसकी इच्छा के विरुद्ध छूना या छूने की कोशिश करना, बातचीत से, लिखकर आदि भी इसकी प्रकृति होती है। उन्होंने कहा कि लोगों की मानसिक विक्षिप्त लोगों को जागरूक करने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि अधिकतर उत्पीड़न की शिकार हुई महिला सामने नहीं आती है, चुप्पी साधे रहती है। इसलिए आवश्यक है कि सबसे पहले महिला को इसके प्रति जागरूक होना होगा। उन्होंने कहा कि हमें एक ऐसा माहौल बनाना होगा जहा विकृत मानसिकता वाले लोग अपराध करने के बारे में सोचने से भी डरे।

पुलिस उपाधीक्षक ऑपरेशन सुश्री नताशा सिंह महोदया ने कहा कि महिलाओं के प्रति एक अच्छी सोच व सम्मान सभी रखना आवश्यक है प्रत्येक कार्यक्षेत्र में कानून का पालन नितांत आवश्यक है। सभी लोग सजग रहकर अन्य को भी जागरूक करें। उन्होंने महिला पुलिसकर्मियों को कार्यक्षेत्र में मनोवैज्ञानिक रूप से मजबूत रहकर अपने दायित्व के निर्वहन करने की सलाह दी।
इस दौरान अधिवक्ता गीता विष्ट, ममता शैली समाज सेविका रुद्रा रिसर्च डेवलेपमेंट फाउंडेशन , प्रभा रावत हिमाद समिति/चाइल्ड हेल्पलाइन, महिला हेल्पलाइन प्रभारी उप0नि0 मीता गुसाईं व अन्य महिला पुलिसकर्मी मौजूद रहे।

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