पाणा के ग्रामीणों ने गर्भवती महिला को डंडी-कंडी के सहारे 8 किमी पैदल दूरी तय कर पहुंचाया सड़क मार्ग तक

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बदलते गढ़वाल न्यूज़,
गोपेश्वर।

यहां एंबुलेंस नहीं बल्कि डंडी कंडी से बीमार, बुजुर्ग और गर्भवती महिलाओं को पहुंचाया जाता अस्पताल।

आज भले ही देश को आजादी के 8 दशक पूरे होने को हैं, वही सरकार विकसित भारत को लेकर बड़ी बड़ी बातें कर रही है। जबकि आज भी एक ऐसा गांव है जहां बीमार, बुजुर्ग और गर्भवती महिलाओं को एंबुलेंस या गाड़ी से नही बल्कि डंडी कंडी के द्वारा अस्पताल पहुंचाया जाता है। आज के समय में भी दशोली ब्लॉक के पाणा गांव के लोगों का जीवन भगवान भरोसे चल रहा है। आपको बताते हैं कि पाणा गांव की गर्भवती श्रीमती उमा देवी पत्नी श्री सुरेंद्र नेगी की अचानक तबीयत खराब हो गई। इसके बाद ग्रामीणों ने समय की परवाह किए बिना डंडी कंडी के सहारे पथरीले रास्तों से होकर 8 किलोमीटर की पैदल दूरी तय कर सड़क मार्ग पगना तक पहुंचा। ग्रामीणों ने कहा कि इन विकट परिस्थितियों में और बरसात के मौसम में रास्तों पर चलना खतरा बना रहता है। ऐसे में जिंदगी और मौत से लड़ रही गर्भवती महिला को कंडी डंडी के सहारे ग्रामीणों ने सड़क मार्ग पगना तक पहुंचा। साथी उन्होंने कहा कि दशोली ब्लॉक का अंतिम गांव पाणा जो कि आज भी स्वास्थ्य शिक्षा रोजगार से कोसों दूर है। और इससे पहले भी लोकसभा चुनाव में पाणा गांव के लोगों ने चुनाव बहिष्कार किया था। हालांकि बद्रीनाथ विधानसभा उपचुनाव में भी यहां के लोगों ने चुनाव बहिष्कार का निर्णय लिया था। लेकिन तब राजनीतिक दलों ने बड़े-बड़े वादे किए। आपको बता दें कि निजमुला पाणा मोटर मार्ग जो की 2009 में स्वीकृत हुई है। और आज 15 साल बीतने को है लेकिन अभी तक सड़क नहीं पहुंच पाई है। इसके साथ ही झींझी के पास एक मोटर पुल 4 सालों से निर्माणाधीन है लेकिन अभी तक पूरा नहीं हो पाया है। जबकि प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत आती है।

इस अवसर पर महेन्द्र सिंह, राकेश, गौर सिंह ,भीम सिंह जीतार, शिवम, शंकर , हिम्मत, हिमांशु , बीरेंद्र ,कैलाश, अवतार सिंह आदि मौजूद थे।

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