कर्मपथ की असली परीक्षा है, कर्तव्यपरायणता पर खरा उतरना: त्रिलोक सिंह। श्यामा देवी पर्यावरण ब्याख्यान मे बतौर मुख्य वक्ता छात्रों को किया संबोधित।


गोपेश्वर। कर्मपथ की असली परीक्षा है, कर्तव्यपरायणता पर खरा उतरना।

श्यामा देवी पर्यावरण ब्याख्यान मे बतौर मुख्य वक्ता छात्रों को संबोधित करते हुए कही ये बात।

कर्मपथ की असली परीक्षा है कर्तव्यपरायणता पर खरा उतरना, यह बात निर्मल कुमार जोशी वन्य जीव संरक्षण पुरस्कार से सम्मानित व वनविभाग के पूर्व तेज तरार कर्मठ अधिकारी त्रिलोक सिंह ने सीपी भट्ट पर्यावरण एवं विकास केंद्र तथा रा स्ना. महा.विद्या.के भूगर्भ विज्ञान विभाग के संयुक्त तत्वाधान में आयोजित पंचम श्यामा देवी पर्यावरण ब्याख्यान मे बतौर मुख्य वक्ता छात्रों को संबोधित करते हुए कही।

उल्लेखनीय है कि,60 के दशक में हिमालय के इस अन्तरवर्ती क्षेत्र मे, नशामुक्ति,वन संरक्षण चिपको आंदोलन सहित क्षेत्र में महिलाओं को संगठित कर समाज सेवा के कार्यो में अतुलनीय भूमिका निभाने वाली समाज सेविका श्यामा देवी की स्मृति में चिपको आंदोलन की मातृ संस्था तथा सी पी भट्ट पर्यावरण एवं विकास केंद्र द्वारा उनकी स्मृति को चिरस्थायी बनाये रखने तथा नई पीढी भी उनसे प्रेरणा ले इस लक्ष्य को लेकर हर साल महाविद्यालय के सहयोग से यह ब्याख्यानमाला आयोजित की जाती है।

ब्याख्यान श्री त्रिलोक सिंह बिष्ट ने दिया। उन्होंने छात्र- छात्राओं के साथ वंश और वन्यजीव संरक्षण से जुड़े अनुभवों को साझा किया और बताया कि वन विभाग की सेवा खासकर संरक्षित क्षेत्र में सेवा देने के दौरान वन्य जीव तस्करों के साथ हुई मुठभेड़ों में कैसे तमाम प्रलोभनों के बाद भी संरक्षण कार्य को तवज्जो दी जानी चाहिए। इस दौर के अपने अनुभवों को साझा करते हुए कहा कि यदि आपकी मंशा साफ है तो कोई भी ताकत आपका कुछ नहीं बिगाड़ सकती। उन्होंने इस अवसर पर श्रोताओं को सलाह दी कि किसी भी क्षेत्र में जाये, सदैव काम के प्रति ईमानदारी का भाव रखें । काम करते हुए अपने कर्म पथ पर कर्तव्य परायाणता को बनाये रखेंगे तो ईश्वर भी आपकी मदद करेगा। उन्होंने सकारात्मक सोच को सबसे महत्वपूर्ण बताया और कहा कि शुरुआत में कठिनाइयां आती है और व्यवधान भी आते हैं लेकिन आप सही दिशा में सोच रहे होंगे तो ये सब आकर चली जाती है और आप अपने लक्ष्य पर पहुंच जाते हैं। हमें कभी भी यह नही सोचना चाहिए कि समाज व देश हमें क्या दे रहा है बल्कि यह सोचना चाहिए कि अपनी सेवा से हम देश और अपने सामाज को क्या दे रहे हैं। आपकी इन्ही कर्तव्य परायाणताओं से ही आगे की पीढी को भी मार्गदर्शन मिलता है। जिससे आगे चलकर एक बेहतर सामाज का निर्माण होता है।


उन्होंने अपने कार्यकाल में जंगल और वन्यजीवन से मिली सीख का उदाहरण भी इस मौके पर दिया। कांचूलाखर्क में कस्तूरी मृग प्रजनन केंद्र में कस्तूरी मृगों के प्रजनन और उनके हैबिटेट की जरूरतों की जानकारी भी साझा की। जंगल की आग से वन और वन्य जीवन को हो रही क्षति और दुष्प्रभाव के अपने अनुभव के साथ इसकी रोकथाम के लिए सभी को अपने अपने स्तर से प्रयास करने की आवश्यकता जताई।

महाविद्यालय की प्राचार्या प्रो. रचना नौटियाल ने अपने अध्यक्षीय उद् बोधन मे कहा कि आज हमारा पर्यावरण कई चुनौतियों का सामाना कर रहा है। आज ई वेस्ट गंभीर समस्या बनकर विकराल रूप धारण कर पर्यावरणीय समस्या बन चुका है। हमें इसके निपटने के उपायों पर गंभीरता से सोचकर जल्दी ही इसके निस्तारण के उपायों को अमल में लाना होगा।

इससे पूर्व कार्यक्रम में च. प्र. भट्ट के प्रबंध न्यासी ओम प्रकाश भट्ट ने श्यामा देवी के द्वारा 60 के दशक मे किये गये सामाजिक कार्यो चाहे वो नशामुक्ति आंदोलन हो या वन संरक्षण का चिपको आंदोलन मे उनकी उल्लेखनीय भूमिका के साथ ही उस दौरान आंदोलन को सफल बनाने में महिलाओ को संगठित करने के कार्यो के बारे में विस्तार से बताया।

इस दौरान महाविद्यालय और न्यास के मध्य एक अनुबंध पत्र पर भी हस्ताक्षर किये गये जिसके तहत न्यास द्वारा घोषणा की गयी की न्यास द्वारा प्रति वर्ष महाविद्यालय के आर्थिक रूप से कमजोर मेधावी छात्र छात्राओं को इंटर्नशिप प्रोग्राम के तहत ₹2000प्रतिमाह प्रदान किये जायेंगे। जिसके तहत इस वर्ष के इनर्नशिप के लिए बी काम प्रथम वर्ष की छात्रा कु मोनिका सती तथा बी.ए की छात्रा कु सोनम का चयन किया गया है।


इस दौरान आयोजित कार्यक्रम में वयोवृध् सर्वोदयी कर्यकर्ता मुरारी लाल ने छात्रों से नशे से दूर रहने के साथ ही अपने गाँवो के जंगलो को वानाग्नि से बचाने की अपील की।

भूगर्भ विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ अरविंद भट्ट के संचालन में आयोजित इस व्याख्यान कार्यक्रम में महाविद्यालय के छात्रों सहित डॉ दीपक दयाल, डॉ जगमोहन सिंह नेगी, डॉ दर्शन नेगी, डॉ मनोज बिष्ट, डॉ दिनेश सती,,डॉ शिवचंद सिंह रावत, डॉ बी एल शाह,पूर्व अधिशाषी अधिकारी शांति प्रसाद भट्ट,विनय सेमवाल, मंगला कोठियाल, सुशील सेमवाल, चंद्रकला बिष्ट, मुन्नी भट्ट, मनोरमा तिवाड़ी, कुंती चौहान, घेस के प्रगतिशील किसान धनसिंह भंडारी, श्रीमती पुष्पा नेगी, मीना भट्ट,सुनीता भट्ट, मंजु भट्ट, सहित कई सामाज सेवी लोग मौजूद थे।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

You may have missed