गैरसैंण: कड़कड़ाती ठंड ओर बर्फ के बीच टैंट लगाकर भूख हड़ताल पर डटे अनशनकारी और ग्रामीण।
कड़कड़ाती ठंड ओर बर्फ के बीच टैंट लगाकर भूख हड़ताल पर डटे अनशनकारी ओ
और ग्रामीण।
भूख हड़ताल पर बैठने वालों की संख्या हुई तीन,अनशन स्थल तक पंहुचने वाली सड़क के गड्ढे भरने हुए शुरू।
सुध नहीं लेने पर विधायक से नाराज आंदोलनकारी, चौथे दिन नहीं पंहुचा स्वास्थ्य विभाग।
गैरसैंण।
ग्रीष्मकालीन राजधानी गैरसैंण के अंतर्गत माईथान क्षेत्र के कस्वीनगर में सड़क स्वास्थ्य के मुद्दों को लेकर चल रही भूख हड़ताल के चौथे दिन एक और आंदोलनकारी भूखहडताल पर बैठ गया है। वहीं भूख हड़ताल में बैठने वालों की संख्या अब तीन हो गई है,कड़कड़ाती ठंड ओर बर्फ के बीच घने जंगल में टैंट लगाकर भूख हड़ताल कर रहे ग्रामीणों की सुध लेने कोई भी चुना हुआ जनप्रतिनिधी अब तक नहीं पँहुचा है,जिसको लेकर आंदोलनकारी ग्रामीणों में भारी रोष दिखायी दिया।भूख हड़ताल को लेकर कुंवर सिंह नेगी का आज चौथा दिन तो रमेश चंद्र जोशी का दूसरा दिन रहा,वहीं अवतार सिंह कोटवाल ने आज से भूख हड़ताल शुरू कर दी है।भूख हड़ताल के चौथे दिन शासन-प्रशासन सहित स्वास्थ्य विभाग का कोई भी कर्मचारी मौके पर नहीं पँहुचा,जिससे आंदोलनकारियों ने शासन-प्रशासन के उपेक्षापूर्ण रवैये को लेकर लड़ाई को ओर मजबूत करने की बात कही।
आंदोलन को लेकर अधिकारियों के पंहुचने की संभावनाओं को लेकर लोक निर्माण विभाग ने देवपुरी से 14 किलोमीटर दूर कस्वीनगर तक की क्षतिग्रस्त सड़क के गड्ढे भरने के लिए कुछ मजदूर व जेसीबी मशीन जरूर लगवा दी है।अनशन स्थल पर खीडा-खंसर-बधाण मित्रमंडल संगठन के अध्यक्ष शयन सिंह नेगी की अध्यक्षता में हुई बैठक में शासन प्रशासन सहित लोक निर्माण विभाग के रवैयै पर नाराजगी जताई गई,वहीं क्षेत्रीय विधायक द्वारा आंदोलन की सुध न लिए जाने पर भी आंदोलनकारियों में खासी नाराजगी दिखाई दी। आंदोलनकारीयों को संबोधित करते हुए शयन सिंह नेगी ने कहा कि विभागीय अधिकारीयों की लापरवाही के चलते 50 साल में 5 किलोमीटर सड़क नहीं बन पायी,वहीं मामले में क्षेत्रीय विधायक की रुचि ना लेना भी समस्या का बड़ा कारण बना हुआ है। पूर्व क्षेत्र पंचायत सदस्य कुंवर सिंह नेगी ने कहा की चुने हुए जनप्रतिनिधि समस्या को समझने को तैयार नहीं हैं। इसके चलते घने जंगल के बीच टेंट लगाकर भूख हड़ताल करना मजबूरी है। पूर्व प्रधान चंद्र सिंह नेगी ने कहा कि हम अपनी जरूरत के लिए अपने प्राण देने को तैयार हैं,वहीं चुने हुए जनप्रतिनिधि हड़ताल के चार दिन बाद भी सुध लेने को तैयार नहीं हैं।अनशनकारी कुंवर सिंह नेगी ने कहा कि सरकार तक बात पहुंचाने का काम चुने हुए जनप्रतिनिधियों का है,लेकिन अभी एक बार भी संपर्क नहीं किया गया जिससे उनकी संवेदनशीलता को समझा जा सकता है।
उल्लेखनीय है कि 5 फरवरी से शुरू हुए आंदोलन में अब तक तीन लोग भूख हड़ताल पर बैठ चुके हैं,जिसमें देवपुरी के पूर्व प्रधान कुंवर सिंह नेगी,लखण निवासी चंद्र दत्त जोशी व टेटुडा के पूर्व क्षेत्र पंचायत सदस्य अवतार सिंह कोटवाल शामिल हैं।आंदोलन को लेकर गैरसैंण विकासखंड के चुने जनप्रतिनिधियों में ब्लाक प्रमुख सहित क्षेत्रीय विधायक का कोई प्रतिनिधि तक आंदोलनकारियों की सुध लेने नहीं पँहुचा,वहीं विभागीय अधिकारियों की मामले में उदासीनता बनी हुई है,जिसे लेकर आंदोलनकारी में भारी रोष व्याप्त है। उधर विकासखंड गैरसैंण व थराली के विभिन्न गांवों के ग्रामीण सैडकों की संख्या में समर्थन देने पँहुच रहे हैं,थराली के कस्वीनगर क्षेत्र से जुडे ग्रामीण रोजाना 5किलोमीटर की खडी चढ़ाई नापकर तो कई लोग 150किलोमीटर का सफर तय कर आंदोलन के समर्थन देने पँहुच रहे हैं।समर्थन देने वालों में भवान सिंह रावत,कुंवर सिंह नेगी,हरेंद्र कंडारी,भास्करानंद जोशी,नवीन जोशी,उमेश वर्मा, रघुवीर सिंह,क्षेत्र पंचायत सदस्य जगमोहन नेगी,कमला देवी,गुड्डी देवी,अंबादत्त जोशी, देवकी देवी,फतेह सिंह,नंदी देवी,हेमा देवी,महेशी देवी, हरिश चंद्र,गोविंद सिंह,कैलाश उप्रेती,हरीश कंडारी,कुंवर रोहियाल,कैलाश गिरी,बलवंत पुरी सहित देवपुरी,नैल,लखण,झुमाखेत,नौगांव,कंडारीखोड,जलचौंरा,सारिंगगांव,कोलानी,नौगांव,कोट,धामदेव,कुशरानी सहित थराली के कस्वीनगर क्षेत्र से जुड़े ग्रामीण उपस्थित रहे।