जान हथेली पर रखकर ऐरठा गांव के ग्रामीणों ने बिमार महिला को पहुंचाया अस्पताल।
बदलता गढ़वाल न्यूज,
देवाल(चमोली)।
शासन-प्रशासन और जनप्रतिनिधियों की घोर लापरवाही के कारण देवाल ब्लाक के ऐरठा गांव के ग्रामीणों के लिए आज भी एक सुरक्षित रास्ता नहीं है जबकि यहां के ग्रामीण कहते हैं कि वे शासन प्रशासन और क्षेत्रीय विधायक को लंबे समय से उनके गांव के लिए मोटर मार्ग की मांग करते हुए आ रहे हैं लेकिन मोटर मार्ग तो बहुत दूर की बात है उनके गांव से देवाल ब्लांक मुख्यालय तक आने जाने के लिए एक सुरक्षित रास्ता तक ठीक से नहीं बन पाया है।
आप वीडियो में देख सकते हैं कि किस तरह ऐरठा के ग्रामीण बीमार महिला को डंडी में लादकर जान हथेली पर रखकर खतरनाक हो चुके पहाड़ी रास्ते से अस्पताल ले जा रहे हैं।ऊपर पहाड है तो नीचे पिंडर नदी और खाई। लगातार बरसात के चलते यह रास्ता जगह-जगह भूस्खलन की चपेट में आकर बुरी तरह से क्षतिग्रस्त है।
ग्रामीणों का कहना है कि उनके नौनिहालों को चार कीलोमीटर दूर स्कूल भी इसी रास्ते से जाना होता है जिनकी हर समय उन्हें चिंता सताती रहती है। बारिश के दौरान तो बच्चे कयी दिनों तक स्कूल भी नहीं जा पाते हैं।
ब्लाक मुख्यालय देवाल से एरठा गांव की लगभग दूरी चार कीलोमीटर है।यह रास्ता वन विभाग के आधीन आता है। बद्रीनाथ वन प्रभाग के क्षेत्राधिकारी हरीश थपलियाल ने दूरभाष पर जानकारी दी कि विगत दिनों लगातार बारिश के कारण यह मार्ग लगातार भूस्खलन की चपेट में आ गया है। उन्होंने बताया कि इस बीच कई बार इस रास्ते को वैकल्पिक तौर पर ठीक किया जा चुका है लेकिन बारिश होने पर फिर से रास्ता क्षतिग्रस्त हो जाता है तथा फिलहाल तो खतरनाक पहाड़ी होने और बारिश होने के कारण
वहां स्थाई रूप से कार्य करना संभव नहीं है और इसके लिए धनराशि की जरूरत है।कहा कि उच्चाधिकारियों से रास्ते को स्थाई रूप से ठीक करने के लिए धनराशि के लिए पत्राचार किया जा रहा है।बरसात के बाद ही रास्ता बनाया जा सकता है।
उन्होंने कहा कि हम ग्रामीणों से आग्रह करते हैं कि बारिश के दौरान नियंत्रित आवागमन करें और स्कूल के बच्चों को कुछ अभिभावकों की देखरेख में खराब स्थानों से आवागमन कराएं।