यूँ ही नहीं हर कोई घर घर की तुलसी बन जाता, शिक्षक नहीं बेटी की तरह विदा हुई शिक्षिका तुलसी बर्त्वाल

Oplus_131072

बदलता गढ़वाल न्यूज,
गोपेश्वर(चमोली)।

यूं तो शिक्षा के क्षेत्र में हर एक शिक्षक को शुरुवाती दौर में दुर्गम स्थानों में सेवाएं देने के लिए तैनाती दी जाती है।और उसके बाद दुर्गम में सेवा काल के बाद सुगम में सेवाएं देने के लिए अन्यत्र स्थानांतरण या प्रमोशन होता है। इस बीच जहां से शिक्षक अपनी सेवाएं देता है, वहां के विद्यालय परिवार और ग्राम सभा द्वारा उन्हें विदाई दी जाती है। उसके साथ ही कुछ ही ऐसे शिक्षक/ शिक्षिकाएं होती है जो अपनी सेवाकाल के दौरान बच्चों के साथ उस क्षेत्र में अपनी अलग पहचान बना पाते हैं।

आज उनमें से ही एक हैं तुलसी बर्त्वाल, जिन्होंने अपने जीवन के 20 साल चमोली जनपद के दशोली ब्लॉक में स्थित पाणा गांव में अध्यापिका के रूप दिया। जहां आज भी 8 से 10 किमी की पैदल दूरी तय करनी पड़ती है। लेकिन उन्होंने अपने कर्तव्य निर्वहन को बखूबी निभाया और आज जब 20 साल बाद उनका स्थानांतरण हुआ तो संपूर्ण विद्यालय परिवार और ग्राम सभा द्वारा एक शिक्षिका नहीं बेटी की तरह विदा किया। विदाई के समय हर किसी की आंखे नम हो गई और जोर जोर से रोने लगे। ऐसा लग रहा था मानो एक बेटी अपने मायके से ससुराल के लिए विदा हो रही।

उन्होंने लगभग 2004 में सुदूरवर्ती क्षेत्र पाणा के प्राथमिक विद्यालय में बतौर सहायक अध्यापिका के रूप पदभार ग्रहण किया। एक ऐसे समय में जब उस समय निजमुला से पाना तक लगभग 15 -20 किमी पैदल चलना पड़ता था। इसके अलावा यह क्षेत्र सुख सुविधाओं जैसे दूरसंचार, बिजली,स्वास्थ्य और सड़क से कोसों दूर था। लेकिन उनकी दृढ़ शक्ति ने इन सबको पीछे छोड़ अपने कर्तव्य को आगे रखा। आज उसी का परिणाम है जो इस तरह से संपूर्ण क्षेत्र के लोगो द्वारा उनको सम्मान मिला।

उनके द्वारा शिक्षा जगत में ग्राम सभा पाणा में नई अलख जगाने का काम किया। उनके लिए यह कहावत सही ओर सटीक बैठती है कि “यूँही नहीं हर कोई घर घर की तुलसी बन जाता है।” इन 20 वर्षों में न जाने कितने कष्ट सहे होंगे, विषम भौगोलिक परिस्थितियों में दुर्गम में रहकर परिवार की चिंता किये बगैर आपने हर घर, क्षेत्र में ज्ञान रूपी दीपक जलाकर घरों को रोशन किया है, आज आपके रोपे बीज फूल बनकर समाज में खुशबु बिखेर रहे हैँ। आपने एक सैनिक की तरह अपनी परवाह न करते हुए राष्ट्र निर्माण में अपना जीवन समर्पित किया सम्पूर्ण।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *