सड़क निर्माण की आड़ पर लाखों रुपये की वन भूमि को नुकसान, बद्रीनाथ वन प्रभाग के प्रभागीय वनाधिकारी सर्वेश दुबे नहीं बचा पाए अपनी वन भूमि को, हजारों बांज ,बुरास के पेड़ बर्बाद
बदलता गढ़वाल न्यूज,
थराली/गिरीश चन्दोला।
यूँ तो उत्तराखंड के गांव गांव को सड़क मार्ग से जोड़ने के लिए केंद्र सरकार की महत्वकांक्षी योजना प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना गांव गांव को सड़क पहुंचा तो रही है लेकिन इस योजना के अंतर्गत कुछ कार्यदायी संस्थाओं के अधिकारियों के गैर जिम्मेदाराना रवैये के चलते केंद्र सरकार की ये महत्वकांक्षी योजना सवालों के घेरे में है और भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ रही है ताजा मामला देवाल विकासखण्ड का है जहां प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत कार्यदायी संस्था एनपीसीसी द्वारा चोटिंग से उदयपुर लग्गा मोटरमार्ग का निर्माण मानकों को ताक पर रख किया जा रहा है 9.65 किमी लम्बी इस सड़क पर पर जहां प्रथम चरण में छ करोड़ छत्तीस लाख रुपये खर्च हुए हैं वहीं द्वितीय चरण में भी छ करोड़ साथ लाख रुपये की लागत से सड़क निर्माण का कार्य किया जा रहा है
बावजूद इसके करोड़ो की लागत से बन रही इस सड़क के निर्माण में ठेकेदार से लेकर कार्यदायी संस्था तक मानकों को ताक पर रखते हुए जिम्मेदार विभागों को मुंह चिढ़ा रहे है ,सड़क निर्माण का मलबा फेंकने के लिए विभाग के मुताबिक कुल 8 डंपिंग जोन स्वीकृत हैं जिनमे से 7 डंपिंग जोन का निर्माण किया गया है लेकिन स्थानीय लोगो की माने तो विभाग ने इतने भी डंपिंग जोन नहीं बनाए हैं और जो डंपिंग जोन बनाये भी गए हैं उनमें मलबा फेंकने की बजाय विभाग और ठेकेदार मनमर्जी से सड़क कटिंग वाले क्षेत्र में ही मलबा फेंक रहे हैं तस्वीरे बताती हैं कि किस तरह सड़क निर्माण के लिए पर्यावरणीय मानकों को दरकिनार करते हुए जड़ समेत पेड़ो को उखाड़कर मलबे के साथ ही फेंका गया है जिससे अन्य जीवित पेड़ो के जीवन को भी संकट में डालने का काम कार्यदायी संस्था द्वारा किया जा रहा है, स्थानीय ग्रामीणों ने कार्यदायी संस्था एनपीसीसी और ठेकेदार पर मानकों की अनदेखी कर जगह जगह मलबा फेंकने के साथ ही सड़क पर मानकों के अनुरूप चौड़ीकरण न करने का आरोप लगाया है हालांकि विभागीय अधिकारियों के मुताबिक सड़क की चौड़ाई छ मीटर है लेकिन ग्रामीण बताते हैं कि कई जगहो पर सड़क मानकों के अनुसार चौड़ी काटी ही नहीं गयी है ग्रामीण बताते हैं कि मुख्यमंत्री पोर्टल से लेकर जनता दरबार तक गुहार लगाने के बावजूद भी कार्यदायी संस्था द्वारा सड़क निर्माण में सुधार लाने की बजाय लगातार लापरवाही बरती जा रही है और सड़क कटिंग का मलबा डंपिंग जोन में डालने की बजाय इधर उधर मनमर्जी से डाला जा रहा है साथ ही बांज बुरांश की वन संपदा को जड़ समेत उखाड़कर मनमर्जी से मलबे के साथ फेंका जा रहा है।
वहीं बद्रीनाथ वन प्रभाग के डीएफओ सर्वेश दुबे ने जानकारी देते हुए बताया कि मामला उनके संज्ञान में आया है और उन्होंने देवाल क्षेत्र के वनक्षेत्राधिकारी को मोटरमार्ग का निरीक्षण कर आवश्यक कार्यवाही करने के निर्देश दिए हैं
अब देखना होगा कि ग्रामीणों की शिकायत के बाद जिम्मेदार विभाग कब गहरी नींद से जागते हैं और सड़क निर्माण में बरती जा रही लापरवाही का कब संज्ञान लेते हैं