आस्था: रामलीला में राम -हनुमान मिलन, हनुमान ने बांधा अद्भुत समा दर्शक भाव विह्वल हो गए। श्री राम ने किया बालि वध।

*दुनिया चले ना श्री राम के बिना,
राम जी चले ना हनुमान के बिना*

बदलता गढ़वाल न्यूज,
ज्योतिर्मठ।

ज्योर्तिमठ के रविग्राम में सांस्कृतिक परिषद रविग्राम की ओर से आयोजित रामलीला में मंगलवार की रात सबरी प्रेम, श्रीराम और हनुमान मिलन, बालि वध और सुग्रीव राज्याभिषेक की लीला का मंचन किया गया।
लीला का मंचन देख दर्शक भाव विह्वल हो गए। जहां शबरी श्री राम लक्ष्मण का सत्कार करते हुए वह चख-चख कर राम को झूठे बेर खिलाती है। वहीं सीता का हरण के बाद वन में भटकते हुए भगवान राम व लक्ष्मण की ऋष्यमूक पर्वत पर पहुंचते हैं जहां हनुमान परिचय पूछ अपनी भक्ति का परिचय बताते हुए वानर राज सुग्रीव से मित्रता करवाते हैं।


हनुमान ने बांधा ऐसा समा हर कोई भाव विभोर हो गए।

माता सीता के अपहरण के बाद भगवान राम (शिवम् भट्ट)और लक्ष्मण (शुभम रावत) जंगलों में भटकते रहते हैं। वह शबरी आश्रम में शबरी (कुमारी प्रिंसी डिमरी) की भक्ति को देखने के पश्चात् किष्किंधा पर्वत पर पहुंचते हैं। वहां पर उन्हें हनुमान (कैलाश भट्ट जी) ने देखा और साधु का वेश रूप धरकर राम और लक्ष्मण से उनका परिचय लिया। राम नाम सुनते ही हनुमान अपने असली स्वरूप में आ जाते हैं। इस दौरान हनुमान के पास कैलाश भट्ट ने ऐसा समा बंधा हर कोई मंच की ओर देखता रह गया मानो भगवान श्री राम और हनुमान का मिलन सच में हमारे सामने ही हो रहा हो दर्शक खुद को रोक न पाए इतना भाव विभोर करने वाला यह दृश्य था, जिसके बाद श्री राम सीता हरण के घटना की सारी बात बताते हैं। हनुमान उन्हें अपने कंधे पर बैठाकर सुग्रीव (चंद्रमोहन राणा) के पास ले गए। हनुमान ने सुग्रीव से सारी बात बताते है जिसके पश्चात् सुग्रीव उन्हें माता सीता को ढूंढने में सहायता का वचन देते हैं। इससे पूर्व सुग्रीव अपने बड़े भाई बाली (शिव प्रसाद सकलानी) के आतंक के बारे में बताते हैं। भगवान राम ने उसके वध का आश्वासन दिया। सुग्रीव बाली को युद्ध के लिए ललकारते हैं और राम बाली पर बाण चलाकर वध कर देते हैं बाली बध के पश्चात् तारा (कुमारी कोमल खंडूरी) का विलाप श्री राम के सामने होता है और स्वयं को भी मोक्ष प्राप्ति का निवेदन प्रभु से करती है श्री राम जी द्वारा धर्म और नीति का बोध कराते हुए सुग्रीव को राज्यभिषेक के साथ अंगद को युवराज बनाए जाने का उल्लेख करते हैं।अन्तिम दृश्य सुग्रीव राज्याभिषेक का हुआ।

सांस्कृतिक परिषद् रविग्राम द्वारा प्रति वर्ष शिक्षा के क्षेत्र में शीर्ष स्थान प्राप्त करने वाले रविग्राम वार्ड के बच्चों को कक्षा 10th दसवीं (75%अंक) और 12th बारहवीं (80%अंक) हासिल होने पर मेधावी छात्र छात्राओं के नाम से पुरुष्कृत किया जाता है इस वर्ष के लिए भी यह सूचना सार्वजनिक की गई।

तथा एक और अभिनव पहल राजकीय सेवाओं को प्राप्त करने वाले बच्चों को भी इस वर्ष से सम्मानित करने का विचार सांस्कृतिक परिषद् रविग्राम द्वारा लिया गया है।

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