“मैं लौटकर आऊंगा चिनार”* केदारखंडी का नया काव्य संग्रह का हुआ विमोचन।*


बदलता गढवाल(07मई2023)। *”मैं लौटकर आऊंगा चिनार”* केदारखंडी का नया काव्य संग्रह का हुआ विमोचन।*

कश्मीर और कश्मीरी पंडितों के दुःख दर्द, पीड़ा और पलायन की मार्मिक तहकीकात करता काव्य संग्रह लिखा है कवि, चिंतक और यायावर डॉ. केदारखंडी ने। वे उपेक्षा और हिकारत के पात्र कश्मीरी पंडितों के हवाले से पूछते हैं :

चाँदनी रात है
पर हमारे लिए हर तरफ़
इतना अँधेरा क्यों है ?

नफ़रत का इलाज़
अगर अस्पतालों में संभव होता
तो इंसानियत इस तरह
आई.सी. यू. में भर्ती नहीं होती !

ये पंक्तियां हैं साहित्यकार और यायावर डॉ. चरणसिंह केदारखंडी के तीसरे काव्य संग्रह *मैं लौटकर आऊँगा चिनार* से, जिसका विमोचन श्रीनगर के प्रतिष्ठित कल्याणेश्वर मंदिर के सभागार में *हिमालयन साहित्य और कला परिषद श्रीनगर गढ़वाल* के तत्वावधान में हुआ।

मुख्य अतिथि के रूप में इस काव्य संग्रह की मीमांसा करते हुए वरिष्ठ रंगकर्मी और गढ़वाल विश्वविद्यालय के प्रोफेसर डॉ. डी.आर. पुरोहित ने कहा कि केदारखंडी ने कश्मीरी पंडितों के दमन, जनसंहार और त्रासद पलायन पर बहुत मार्मिकता और मौलिकता से काम किया है। उनका ये काव्य संग्रह कश्मीर और कश्मीरी पंडितों के इतिहास, कला , साहित्य, सौंदर्य और ज्ञान-विज्ञान परंपरा पर बहुत उपयोगी दस्तावेज़ है। पुस्तक को उनकी पूरी त्रासदी पर कश्मीरी पंडितों के दृष्टिकोण कविताएं लिखी गई है। विशिष्ट अतिथि डाइट देहरादून के प्राचार्य और साहित्यकार राकेश जुगराण ने काव्य संग्रह को दर्द और इंसानी संवेदनाओं का शिखर करार दिया। उन्होंने चुनिंदा कविताओं का पाठ किया और कश्मीरी जनजीवन में चिनार की बहुआयामी उपयोगिता को रेखांकित करते हुए शीर्षक को बहुत सार्थक बताया। ‘मैं लौटकर आऊँगा चिनार’ की दूसरी सारगर्भित समीक्षा कार्यक्रम अध्यक्षा और गढ़वाल विश्वविद्यालय के हिंदी विभाग की पूर्व अध्यक्षा प्रो. उमा मैठाणी ने की। उन्होंने काव्य संग्रह को अपने कंटेंट की दृष्टि से अनूठा बताया।

ख्यातिनाम कवि नीरज नैथानी ने इस कार्यक्रम का संचालन किया। इससे पूर्व जयदयाल संस्कृत महाविद्यालय के छात्रों के द्वारा वैदिक मंत्रोच्चार से कार्यक्रम का शुभारंभ हुआ।

इस अवसर नगर पालिका श्रीनगर के पूर्व अध्यक्ष और गणमान्य नागरिक कृष्णानंद मैठाणी, डॉ. प्रकाश चमोली, कवि जयकृष्ण पैन्यूली, देवेंद्र उनियाल, शम्भू प्रसाद भट्ट, महेश गिरी, बेस अस्पताल के डॉ. दीपक द्विवेदी , व्यापार मंडल पौड़ी गढ़वाल के अध्यक्ष वासुदेव कंडारी, संदीप रावत ,माधुरी नैथानी, रक्षा उनियाल सहित नगर के अनेक लब्ध प्रतिष्ठित लोग उपस्थित रहे।

डॉ. केदारखंडी वर्तमान में राजकीय महाविद्यालय जोशीमठ के अँग्रेजी विभाग में सहायक प्रोफेसर हैं। उनकी पुस्तक को *श्रीअरविन्द अध्यन्न केंद्र* जोशीमठ ने प्रकाशित किया है।

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