उद्यमिता का अर्थ केवल व्यवसाय बनाना नहीं है, यह हमारे और आने वाली पीढ़ियों के लिए बेहतर भविष्य बनाने के लिए सुनहरा मौका है: प्रो अनिता तोमर।

उद्यमिता का अर्थ केवल व्यवसाय बनाना नहीं है, यह हमारे और आने वाली पीढ़ियों के लिए बेहतर भविष्य बनाने के लिए सुनहरा मौका: प्रो अनिता तोमर।

ऋषिकेश।
श्रीदेव सुमन उत्तराखंड विश्वविद्यालय के द्वारा देवभूमि उद्यमिता केंद्र द्वारा देवभूमि उद्यमिता कौशल विकास योजना के 12 दिवसीय कार्यक्रम के तृतीय दिन विधिवत सत्र का प्रारम्भ किया गया। देवभूमि उद्यमिता योजना की नोडल अधिकारी, प्रोफेसर अनिता तोमर ने कहा कि उद्यमिता का अर्थ केवल व्यवसाय बनाना नहीं है; यह हमारे और आने वाली पीढ़ियों के लिए बेहतर भविष्य बनाने के बारे में है। उद्यमिता का सार अवसरों की पहचान करने, चुनौतियों पर काबू पाने और प्रतिकूल परिस्थितियों में मूल्य बनाने की क्षमता में निहित है। प्रोफेसर तोमर ने बताया कि इस कार्यक्रम में देवभूमि उद्यमिता संस्थान से आए विषय विशेषज्ञ श्री सिद्धार्थ रावत, और श्री अभिजीत सिंह, ने व्यावसायिक अवसर की पहचान, बाजार सर्वेक्षण के लिए मॉडल प्रश्नोत्तर और प्रतिभागियों द्वारा विभिन्न प्रश्नों के उत्तर एवं कहानी निर्माण कर उद्यम स्थापना में आने वाले जोखिम, समस्याओं के गुण बताए और विस्तार से चर्चा की। आईआईएम इंदौर और आईआईटी रोपड़ के पूर्व छात्र श्री अभिजीत सिंह शीर्ष 10 दंत चिकित्सा निर्माता नाइनटेन के सीईओ हैं। श्री सिद्धार्थ रावत के पास परिधान उद्योग, खुदरा उद्योग, खाद्य उद्योग, मीडिया और फिल्म उद्योग आदि जैसे विभिन्न क्षेत्रों में 10 साल का अनुभव है और “यिन यांग मीडिया” और “फ्रॉस्टबाइट ट्रैवल” दो स्टार्टअप हैं।


उद्यमिता विकास संस्थान अहमदाबाद के देवभूमि उद्यमिता योजना टीम के सदस्य और उद्यमिता विशेषज्ञ डॉ सुमित कुमार ने कहा कि हमारा प्राथमिक उद्देश्य आपको उद्यमिता के निरंतर विकसित होते परिदृश्य में आगे बढ़ने के लिए आवश्यक ज्ञान, कौशल और मानसिकता से लैस करना है। गतिविधियों, व्याख्यानों और इंटरैक्टिव सत्रों की एक श्रृंखला के माध्यम से, हमारा लक्ष्य आप में से प्रत्येक के भीतर उद्यमशीलता की भावना को प्रज्वलित करना और आपको अपने नवीन विचारों को सफल उद्यमों में बदलने के लिए सशक्त बनाना है। उत्तराखंड, अपनी समृद्ध सांस्कृतिक विरासत, लुभावने परिदृश्य और अप्रयुक्त क्षमता के साथ, इच्छुक उद्यमियों के लिए बहुत सारे अवसर प्रस्तुत करता है। चाहे वह क्षेत्र के प्राकृतिक संसाधनों का दोहन हो, पर्यावरण-पर्यटन को बढ़ावा देना हो, या सामाजिक प्रभाव के लिए प्रौद्योगिकी का लाभ उठाना हो, संभावनाएं अनंत हैं। उन्होंने कहा कि सफल उद्यमी बनने के लिए रिस्क लेना जरूरी है। युवा उद्यमियों के द्वारा पूछे गए प्रश्नों का व्यवहारिक रूप से जबाब दिया।
देवभूमि उद्यमिता केंद्र के मेंटर, प्रोफेसर धर्मेन्द्र तिवारी, ने आज के मुख्य वक्ताओं का परिचय दिया और कहा कि यह कार्यक्रम छात्रों को विभिन्न व्यापारिक क्षेत्रों के लिए आवश्यक ज्ञान, सीख, और समर्थन प्रदान करेगा।


इस संबंध में, श्रीदेव सुमन यूनिवर्सिटी के वाईस-चांसलर, माननीय प्रोफेसर एन.के. जोशी ने बताया कि यह प्रशिक्षण छात्रों को उनके अध्ययन पूरा करने के बाद स्वरोजगार के अवसरों की ओर मुख करता है, जिससे उत्तराखंड में बेरोजगारी को कम किया जा सके और राज्य में उद्यमिता को बढ़ावा दिया जा सके। इस पहल का उद्देश्य युवा को उसके व्यापार स्थापित करने या स्वरोजगार सुनिश्चित करने के लिए मजबूत बनाना है। परिसर निदेशक प्रोफेसर एमएस रावत ने उद्यमिता विकास कार्यक्रम के तृतीय दिन को सफलतापूर्वक संपन्न करने पर देवभूमि उद्यमिता योजना की पूरी टीम को हार्दिक बधाई दी।

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