विचार के एक युग का अवसान।
गुप्तकाशी/रुद्रप्रयाग:- विचार के एक युग का अवसान।
उत्तराखंड विद्यापीठ( गुप्तकाशी) में 50 के दशक के प्रारंभिक छात्र, केदार घाटी के गणमान्य नागरिक और तुलंगा गाँव तुलंगा के पहले शिक्षक(1958 में प्रथम नियुक्ति ) सेवानिवृत्त प्रधानाध्यापक आदरणीय श्री गजेसिंह राणा आज अपनी सांसारिक यात्रा पूरी कर गए हैं। उन्होंने देहरादून में अंतिम सांस ली।
4 दशक से अधिक के अपने सेवाकाल में श्री राणा ने हज़ारों विद्यार्थियों का मार्गदर्शन किया और जिस भी क्षेत्र में सेवारत रहे, बहुत लोकप्रिय और प्रतिष्ठित रहे। गढ़वाल विश्वविद्यालय श्रीनगर में राजनीति विज्ञान के विभागाध्यक्ष प्रो. मदन मोहन सेमवाल सहित अनेक प्रतिभाशाली युवाओं को ज्ञान का ककहरा श्री राणा ने ही पढ़ाया।
विचार और व्यवहार की उनकी कालजयी विरासत अब पूरे गांव का पाथेय बनेगी। उनकी अंत्येष्टि कल हरिद्वार में सम्पन्न होगी।
डॉ. चरणसिंह केदारखंडी, जाखराजा पूर्व सैनिक संगठन के अध्यक्ष सेवानिवृत्त सूबेदार मेजर ओंकार सिंह , सामाजिक कार्यकर्ता कलम सिंह राणा, तुलंगा गाँव के प्रधान नवीन रावत, युवक मंगल दल अध्यक्ष बीरेंद्र नेगी, डॉ. धर्मेंद्र राणा, शिक्षक प्रह्लाद सिंह आदि ने श्री गजेसिंह राणा के निधन पर शोक संवेदना प्रकट की है और उनकी आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना की है।