गोपेश्वर: परियोजना निदेशक आनन्द सिंह ने ली जिला स्तरीय पुनरीक्षण समन्वय समिति की त्रैमासिक बैठक।
परियोजना निदेशक आनन्द सिंह ने ली जिला स्तरीय पुनरीक्षण समन्वय समिति की त्रैमासिक बैठक।
बैंक अधिकारियों को दिए निर्देश, सभी विभागों से प्राप्त ऋण आवेदनों का तत्काल करें निस्तारण।
गोपेश्वर।
जिला स्तरीय पुनरीक्षण समन्वय समिति (डीएलआरसी) की त्रैमासिक बैठक बुधवार को विकास भवन सभागार में परियोजना निदेशक आनंद सिंह की अध्यक्षता में संपन्न हुई। जिसमें अधिक से अधिक लोगों को बैंक के माध्यम से सरकारी योजनाओं का लाभ प्रदान करते हुए सीडी रेश्यों में सुधार लाने और विभागों से प्राप्त आवेदनों का तत्काल निस्तारण करने के निर्देश बैंक अधिकारियों को दिए गए। इस अवसर पर नाबार्ड की वर्ष 2024-25 के लिए ‘‘सभाविता लिंक्ड क्रेडिट योजना’’ पुस्तक का विमोचन भी किया गया।
परियोजना निदेशक ने सभी बैंकों को निर्देशित किया कि वित्तीय वर्ष 2023-24 हेतु वार्षिक कार्ययोजना को ध्यान में रखते हुए जिले का ऋण जमा अनुपात (सीडी रेश्यों) का 40 प्रतिशत लक्ष्य पूर्ण करना सुनिश्चित करें। सरकार की स्वरोजगार योजनाओं के तहत सभी बैंक विभागों से प्राप्त ऋण आवेदनों का तत्काल निस्तारण करें। कृषि, लघु उद्योग एवं अन्य प्राथमिकता वाले क्षेत्रों में ऋण वितरण को बढ़ाया जाए। केसीसी के माध्यम से अधिक से अधिक किसानों को ऋण उपलब्ध करें। स्वयं सहायता समूहों का सीसीएल लिंकेज किया जाए।
परियोजना निदेशक ने कहा कि राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन में समूहों को ऋण आवंटन की प्रक्रिया को सरल बनाया जाए। इस दौरान पीएम स्वनिधि, पीएमईजीपी, पीएम मुद्रा योजना, स्पेशल कम्पोनेंट प्लान, मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना, होम-स्टे, वीरचन्द्र सिंह गढ़वाली पर्यटन स्वरोजगार आदि योजना के तहत बैंकों में लंबित आवेदनों की विस्तृत समीक्षा करते हुए बैकर्स एवं विभागों को जरूरी दिशा निर्देश दिए गए।
लीड बैंक अधिकारी जीएस रावत ने अवगत कराया कि सितंबर,,2023 तिमाही में जिले को ऋण जमा अनुपात 32.72 प्रतिशत रहा। जो कि विगत जून तिमाही से 2.44 प्रतिशत अधिक है। जनपद में संचालित 18 बैंकों में से 10 बैंकों का सीडी रेश्यों निर्धारित 40 प्रतिशत के मानक से कम है। जनपद में 18 बैंकों की 96 शाखाएं, 64 एटीएम, 122 एक्टिव बीसी व 260 इंडिया पोस्ट पेमेंट बैंक वित्तीय सेवाएं संचालित है। जिले में संचालित तीन वित्तीय साक्षरता सेंटर के माध्यम से सितंबर,2023 तक 258 वित्तीय साक्षरता शिविर लगाए गए है। वार्षिक ऋण योजना के अन्तर्गत बैंक शाखाओं द्वारा 51.43 प्रतिशत उपलब्धि हासिल की गयी है। जिसमें प्राथमिक सेक्टर में 31.04 प्रतिशत तथा गैर प्राथमिक सेक्टर में 140.61 प्रतिशत उपलब्धि शामिल है।
बैठक में सहायक परियोजना निदेशक केके पंत, डीडीएम नाबार्ड श्रयांस जोशी, एलडीएम जीएस रावत, एसबीआई के रीजनल मैनेजर नरेन्द्र कुमार, डीसीबी के डीजीएम टीएस खाती सहित सभी बैंकों के प्रबंधक एवं रेखीय विभागों के जिला स्तरीय अधिकारी उपस्थित थे।