लोकजात: वाण गाँव में लाटू देवता और मां नंदा के मिलन को देख छलछलाई भक्तों की आंखे।
लोकजात: वाण गाँव में लाटू देवता और मां नंदा के मिलन को देख छलछलाई भक्तों की आंखे।
चमोली।
हिमालय की अधिष्टात्री देवी मां नंदा की वार्षिक लोकजात यात्रा अब अंतिम पड़ावों की ओर अग्रसर है। आज बधाण की मां नंदा राज राजेश्वरी की डोली मुंदोली से रात्रि प्रवास के लिए अंतिम बसागत गांव वाण पहुंची जहां पर धर्म भाई लाटू देवता और मां नंदा के मिलन का दृश्य देखकर भक्तों की आंखे छलछला गयी। वाण गांव में ग्रामीणों नें पौराणिक लोकगीतों और जागरों के साथ मां नंदा का स्वागत किया।
नंदा के लोकगीत, जागर और पारम्परिक लोकनृत्य देख अभिभूत हुये लोग!
वार्षिक लोकजात यात्रा में मां बधाण की नंदा राजराजेश्वरी की डोली के अंतिम बसागत वाण गांव में पहुंचने पर वाण गाँव की महिलाओं नें मां नंदा के लोकगीतों और जागरो की शानदार प्रस्तुति दी। महिलाओ द्वारा पारम्परिक झोडा और झुमेलो नृत्य नें श्रद्धालुओं को अभिभूत कर दिया। महिलाओ द्वारा पारम्परिक वेशभूषा में किया गया लयबद्ध और कतारबद्ध लोकनृत्य ने पहाड की सांस्कृतिक विरासत को जींवत कर दिया।
वहीं दूसरी ओर बंड की नंदा की डोली गौणा डांडा पहुंच गयी है।