हत्या के चार आरोपियों को आजीवन कारावास की सजा।

बदलता गढ़वाल: हत्या के चार आरोपियों को आजीवन कारावास की सजा।

कर्णप्रयाग। अपर जिला एवं सत्र न्यायालय न्यायालय ने हत्या के मामले में चार आरोपियों को दोषी करार देते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई है । शासकीय अधिवक्ता कुलदीप सिंह वर्त्वाल ने बताया2016 में रेवत सिंह और अन्य के खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज हुआ था। मामले में अपर सत्र न्यायाधीश महेश चंद्र कुशवाह ने आरोपियों को हत्या का दोषी करार दिया। अदालत ने रेवत सिंह, त्रिलोक सिंह, इंद्र सिंह और सुरेंद्र सिंह को हत्या का दोषी पाते हुए आजीवन कैद की सजा सुनाई है। दोषियों पर अर्थदंड भी लगाया गया है। मामले में 32 गवाह पक्षद्रोही हुए थे।

पिता, चाचा, बहनोई, व एक अन्य को हत्या तथा साक्ष्य मिटाने के आरोप में तथा भाभी को हत्या का साक्ष्य मिटाने के आरोप में अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश कर्णप्रयाग महेश चंद्र कौशिवा द्वारा दोषी पाया गया है घटना ग्राम झिंझोडी तहसील नारायण बगड़ की है दिनांक 10-6-2017 को जब मृतक सुभाष की पत्नी रात को रामलीला से वापस आई तो उसने देखा कि रेवत सिंह मृतक का पिता, इंद्र सिंह मृतक का बहनोई, त्रिलोक मृतक का चाचा सिंह, व सुरेंद्र सिंह उसके पति के साथ मारपीट कर रहे हैं तथा उसने शरीर व उसके गले पर चोटे भी देखी थी अभियुक्त गण द्वारा उसे एक अलग कमरे में बंद कर दिया गया था तथा सुबह जल्दी गांव वालों की मदद से सुभाष का शव बिना पोस्टमार्टम के अंतिम संस्कार कर दिया गया था घटनास्थल पर मृतक की पत्नी की मां भी जो रामलीला देखने उस गांव में आई थी पहुंच गई थी तो उसने भी देखा था कि मृतक के शव पर चोटों के निशान थे मामले में मृतक की पत्नी के पिता द्वारा जो दिल्ली में निवास करते थे, सूचना मिलने पर आकर वाकये की रिपोर्ट उपजिलाधिकारी थराली को दी थी दिनांक 12-6-17 को उप जिलाधिकारी थराली द्वारा जांच के आदेश दिए थे जिस पर राजस्व उपनिरीक्षक छैकुड़ा द्वारा मामले की जांच की गई थी तथा विवेचना के उपरांत 6 लोगों के विरुद्ध धारा 302, 201 आईपीसी तथा शव को जलाने वाले गांव के अन्य 14 लोगों के विरुद्ध धारा 201 आईपीसी में आरोप पत्र दिया था दौरान विचारण एक व्यक्ति की मृत्यु हो गई थी मामले में अभियोजन द्वारा 37 गवाह पेश किए गए थे। मामले में बहस सुनने के बाद दिनांक 11 -8-2023 को चार अभियुक्तों रेवत सिंह त्रिलोक सिंह इंद्र सिंह व सुरेंद्र सिंह को धारा 302 201 आईपीसी में दोषी पाते हुए धारा 302 भारतीय दंड संहिता में आजीवन कारावास एवं 25000 रुपए जुर्माने से दंडित किया गया हैजुर्माना न देने की स्थिति में अभियुक्त गण 6 महीने का अतिरिक्त कारावास के दंड भागी होंगे धारा 201 भारतीय दंड संहिता में 7 वर्ष का शासन कारावास एवं ₹10000 जुर्माना से दंडित किया गया है अभियुक्त बबीता देवी को धारा 201 में 2 वर्ष के कारावास कारावास तथा ₹5000 जुर्माने से दंडित किया गया है इसके अतिरिक्त चारों अभियुक्त गणों को 25-25 हजार रुपए मृतक की पत्नी को प्रतिकर देने के आदेश भी पारित किए गए हैं दौराने विचारण अभियुक्त गण जमानत पर थे अभीयुक्ता बबीता देवी को अपील हेतु जमानत पर छोड़ा गया है तथा अन्य अभियुक्तों को उनके जमानत पत्र निरस्त कर उन्हें पुरसाडी जेल 5/6 भेज दिया गया है।

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